RAILWAY /SSC/ JPSC/ JSSC/ UPSC/ BPSC…..जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को एक MCQ Quiz कि तरह अभ्यास करे…..
जय हिन्द अभ्यर्थीयों hindiquiz.co.in के माध्य से प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के विभिन्न पहलुओं यथा पैटर्न, स्वरूप, स्तर इत्यादि की जानकारी होने से तैयारी करने वाले को पेपर को Solve करने में काफी मदद मिलती है hindiquiz.co.in के माध्य से, RAILWAY /SSC/ JPSC/ JSSC/ UPSC/ BPSC…..जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को क्विज कि तरह प्रेक्टिस करे। वर्ष 2017 में झारखण्ड के JSSC के द्वारा परीक्षा ली गई थी इन प्रश्नों का Practice करने से आपको काफी मदद मिल सकती है (Jharkhand CGL Main Exam 2012 First Paper)
Jai Hind candidates, to achieve success in the competitive examination through hindiquiz.co.in, knowledge of various aspects of questions asked in the examination like pattern, format, level etc. will help the preparer a lot in solving the paper. examination was conducted by JSSC of Jharkhand in the year 2017. Practicing these questions can help you a lot (Jharkhand CGL Main Exam 2012 First Paper)
Jharkhand CGL Main Exam 2012 First Paper

प्रश्न 1 से 5 के लिए निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
भारत की राजधानी में प्रतिवर्ष मेलों का आयोजन किया जाता है। कभी ये मेले सांस्कृतिक होते हैं, कभी धार्मिक तो कभी व्यापारिक। ये मेले हमारी सांस्कृतिक विरासत की पहचान हैं। इनकी विभिन्नता भारत की अनेकता में एकता की विशेषता को उजागर करती है। सभी जाति-धर्म के लोगों की शिरकत हमारी समन्वयात्मक संस्कृति की परिचायक है। ये प्राचीन काल से ही दिल्ली की शान बढ़ाते आ रहे हैं। दिवाली के अवसर पर हर सोसायटी में मेलों का आयोजन किया जाता है, दुर्गा पूजा के अवसर पर बंगाली लोग मेले का आयोजन करते हैं। दिल्ली हाट में प्रदेशों के अनुसार मेले लगते रहते हैं होली, नवरात्रि, दशहरा आदि पर मेलों का बाजार गरम रहता है। मेला जनसाधारण के मनोरंजन का उत्तम साधन है। प्रत्येक मेला जीवन में बढ़ते अवसाद को कम करता है। धार्मिक या सामाजिक परंपरा से जुड़े होने के कारण यह हमें भावानात्मक रूप से भी जोड़ता है। परस्पर सोहार्द्र और मित्रता बनाने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हैं। व्यापारिक मेले आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं। दिल्ली में नवम्बर मास में प्रगति मैदान में विश्व व्यापार मेले का आयोजन किया जाता है। इसमें देश के विभिन्न प्रांतों, औद्योगिक संस्थानों और अन्य देशों के स्टाल होते हैं। इनकी लोकप्रियता हमें भारतीय मानस की समृद्धि से परिचय कराती है। हमारा देश एक है इस भावना का अहसास कराती है।
1. दिल्ली हाट में किसके अनुसार मेले लगे रहते हैं ?
(a) प्रदेशों
(c) शहरों
(b) विदेशों
(d) गाँवों
(a) प्रदेशों
2. मेलों का बाजार गरम रहता है-
(a) सोमवार, मंगलवार, बुधवार
(b) होली, नवरात्रि, दशहरा
(c) प्रतिदिन
(d) कभी-कभी
(b) होली, नवरात्रि, दशहरा
3. मेला जनसाधारण के ………… का उत्तम साधन है।
(a) दुख
(b) परेशानी
(c) हँसी
(d) मनोरंजन
(d) मनोरंजन
4. ‘मित्रता’ शब्द में प्रत्यय है –
(a) अता
(b) ता
(c) त्रता
(d) तआ
(b) ता
5. दिल्ली में प्रगति मैदान में विश्व व्यापार मेले का आयोजन कब किया जाता है –
(a) जनवरी
(b) अक्टूबर
(c) दिसम्बर
(d) नवम्बर
(d) नवम्बर
प्रश्न 6 से 9 के लिए निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जिस पृथ्वी पर हमने जन्म लिया है, जिस समाज में हम रहते हैं उसके प्रति हमारा कुछ कर्तव्य है। हमें उसके उपकारों को सत्कर्मों से निभाने का प्रयास करना चाहिए। भगवान की बनाई सृष्टि भी सत्कर्म के बिना नहीं चल सकती। सत्कर्म ही जीवन के आधार हैं। गीता का सार ही सत्कर्म की शिक्षा है। जड़ पदार्थ तक अपने जीवन को कष्ट में डालकर दूसरों का हित संपादन करते हैं। चंदन स्वयं घिसकर दूसरों को ठंडक व सुगंध प्रदान करता है। दीपक जलकर ही प्रकाश देता है। ईख कुचले जाने पर मीठा रस प्रदान करती है। वनस्पति जगत हमें जीवनदायी ऑक्सीजन देता है। दीपक स्वयं जलकर प्रकाश देता है। मानव जाति के उत्थान के लिए सच्चे मन से किया गया स्वार्थ रहित कर्म ही सत्कर्म है। किसी परेशान व दुखी की मदद करना हमारी परम्परा रही है। भटके को राह बताना हमारी सांस्कृतिक विरासत रही है। परोपकार के लिए तो हमारे पूर्वज अपने आप को मिटाने के लिए तत्पर रहे हैं। आज देश को ऐसे ही लोगों की आवश्यकता है। परोपकारी जीवन ही समाज वा स्वांतः सुखाय के महान लक्ष्य को पूरा कर सकता है।
6. किसके प्रति हमारा कुछ कर्तव्य है ?
(a) समाज
(c) घर
(b) परिवार
(d) विदेश
(a) समाज
7. भगवान की बनाई सृष्टि किसके बिना नहीं चल सकती ?
(a) दुष्कर्म
(b) सत्कर्म
(c) अकर्म
(d) प्रसन्नता
(b) सत्कर्म
8. सच्चे मन से किया गया स्वार्थ रहित कर्म को क्या कहते हैं ?
(a) सत्कर्म
(b) निकर्म
(c) अकर्म
(d) दुष्कर्म
(a) सत्कर्म
9. दीपक स्वयं जलकर …………… देता है।
(a) अहंकार
(b) अंधियारा
(c) प्रकाश
(d) आंधी
(c) प्रकाश
प्रश्न 10 से 14 के लिए निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
भाषा राष्ट्र की वाणी होती है। उसी के माध्यम से राष्ट्र की गति – विधि का चित्र प्रतिबिम्बित होता है। भारत संसार के सभी देशों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पर यहां पर अनेक संस्कृतियों एवं सभ्यताओं का समन्वय होता रहा है। इसे जगत गुरु होने का सम्मान प्राप्त रहा है। संविधान स्वीकृत भाषाओं में केवल हिन्दी ही राष्ट्र के अधिकांश भागों में बोली जाती है। वह अत्यंत सरल होने के कारण शीघ्र सीखी जा सकती है। वह देश की संस्कृति और सभ्यता की परिचायक है। वह राजनीतिक, धार्मिक तथा सामाजिक शिक्षा संबंधी कार्यों के संचालन में समर्थ है। सृदृढ़ नींव के रूप में उसका समृद्ध साहित्य है। साथ ही उसकी देवनागरी लिपि संसार की सबसे अधिक वैज्ञानिक लिपि है। हिन्दी के विकास के लिए सरकार तथा हिन्दी सेवी संस्थाओं की ओर से अनेक प्रयत्न हुए हैं। केन्द्र में एक हिन्दी निदेशालय खोला गया है। विभिन्न प्रकार की शब्दावलियों का निर्माण किया गया है। वैज्ञानिक शब्दकोष तैयार हुआ। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा आदि राज्यों में हिन्दी को राजभाषा घोषित किया गया। अहिन्दी भाषी कर्मचारियों को भी हिन्दी सिखाने का प्रयत्न किया गया। हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, नागरी प्रचारिणी सभा काशी आदि ने भी हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
10. भाषा राष्ट्र की वाणी होती है, क्योंकि-
(a) भाषा भावों की वाहिका होती है।
(b) भाषा की समृद्धि ही राष्ट्र की समृद्धि का परिचायक है।
(c) भाषा के माध्यम से जन-जन तक आवाज़ पहुंचाई जा सकती है।
(d) भाषा के माध्यम से देश की प्रगति को दर्शाया जा सकता है।
(d) भाषा के माध्यम से देश की प्रगति को दर्शाया जा सकता है।
11. भारत को जगत गुरु होने का सम्मान प्राप्त है, क्योंकि-
(a) भारत शिक्षा के क्षेत्र में आगे है।
(b) भारत में अनेकों गुरु और दार्शनिक अपने उपदेश विदेशों में जाकर देते हैं।
(c) भारत का गुरु-शिष्य नाता विश्व प्रसिद्ध है।
(d) भारत में अनेकों ऋषि-मुनियों ने ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया।
(d) भारत में अनेकों ऋषि-मुनियों ने ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया।
12. देवनागरी लिपि संसार की सबसे अधि क वैज्ञानिक लिपि है, क्योंकि-
(a) इसकी वर्णमाला में अनेकों वर्ण हैं।
(b) यह लगभग हर सार्थक ध्वनि को लिखने में समर्थ है।
(c) इसमें वैज्ञानिक प्रयोग किए जाते हैं।
(d) हर वर्ण का उच्चारण स्थान तथा ध्वनि निश्चित है।
(d) हर वर्ण का उच्चारण स्थान तथा ध्वनि निश्चित है।
13. अहिन्दी भाषी कर्मचारियों को भी हिन्दी सिखाने का प्रयत्न किया गया, क्योंकि-
(a) हिन्दी हमारी राष्ट्रीय भाषा है और सबको इसका ज्ञान होना अनिवार्य है।
(b) हिन्दी में जो बोला जाता है, वही लिखने की सुविधा है।
(c) ताकि सरकारी काम-काज हिन्दी में सुचारू रूप से किया जा सके।
(d) हिन्दी का व्याकरण कठिन है, जिसे सीखने की आवश्यकता है।
(c) ताकि सरकारी काम-काज हिन्दी में सुचारू रूप से किया जा सके।
14. हिन्दी को राष्ट्र भाषा बनाने के प्रयास जारी हैं, क्योंकि-
(a) सरकारी काम-काज हिन्दी में किया जाता है।
(b) हिन्दी कुछ राज्यों की राजभाषा है।
(c) हिन्दी एकमात्र ऐसी भाषा है, जिसके माध्यम से हम भारत के किसी भी कोने में क्यों न हों, अपनी बात समझा लेते हैं।
(d) हिन्दी पढ़ने और लिखने में आसान है।
(c) हिन्दी एकमात्र ऐसी भाषा है, जिसके माध्यम से हम भारत के किसी भी कोने में क्यों न हों, अपनी बात समझा लेते हैं।
प्रश्न 15 से 19 के लिए निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
विश्व भर में घटित होने वाली घटनाओं को जनता तक पहुँचाने का सर्वश्रेष्ठ साधन समाचार-पत्र है। संचार का यह सबसे सस्ता साध न है | समाचार – पत्र देश-विदेश के समाचारों से सारे विश्व को आपस में जोड़ता है। यह लोकतांत्रिक राष्ट्रों का महान प्रदर्शक और जनता की अभिव्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम होता है। ये लोकतंत्र के सशक्त प्रहरी भी हैं | समाचार पत्र में जनता की विचारधारा को मोड़ने की ताकत होती है। वर्तमान खाड़ी देशों में सत्ता परिवर्तन के पीछे इनकी भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। समाचार-पत्र में दुनिया भर के समाचार, राजनीतिक उठा-पटक, आम जनता की परेशानियाँ, खेल और व्यापार से जुड़े समाचार, व्यापार और विवाह आदि से संबंधित विज्ञापन होते हैं। इसके अतिरिक्त संपादकीय व फीचर लेखन लोगों की विचारधारा को गति देते हैं। विविध प्रकार की मनोरंजक सामग्री साहित्यिक एवं समसामयिक विषय पर लेख, सिने जगत की नवीन जानकारियाँ, शेयर, सोने-चाँदी की वस्तुओं और खाद्य सामग्री के भाव आदि से समाचार-पत्र भरा होता है। इस प्रकार समाचार-पत्र ज्ञान वृद्धि और मनोरंजन के साधन होते हैं। जनता को शिक्षित करने के सबसे उत्तम साधन भी इन्हें माना जाता है। प्रात:काल बुजुर्गों को नास्ते से पहले समाचारपत्र की जरूरत होती है। आज लगभग सभी भाषाओं के समाचारपत्र उपलब्ध हैं। पर कहीं-कहीं समाचारपत्र विलम्ब से पहुँचते हैं। इसमें सुधार लाना होगा। प्रजातंत्र के सच्चे प्रहरी के रूप में समाचार पत्रों को अपनी भूमिका निभानी चाहिए ।
15. विश्व में घटित होने वाली घटनाओं को जनता तक पहुँचाने का सर्वश्रेष्ठ साधन है-
(a )जनशक्ति
(b) समाचार-पत्र
(c) रेडियो
(d) मर्फी
(c) रेडियो
16. समाचार पत्र ज्ञान वृद्धि और के साधन होते हैं।
(a) मनोरंजन
(b) खुशी
(c) शोक
(d) विजय
(a) मनोरंजन
17. प्रजातंत्र के ………………. के रूप में समाचार पत्रों को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
(a) सच्चे प्रहरी
(b) सशक्त माध्यम
(c) अभिव्यक्ति के माध्यम
(d) साधन
(a) सच्चे प्रहरी
18. समाचार पत्र से सारा …… आपस में जुड़ता है।
(a) लोग
(b) जनता
(c) घर
(d) विश्व
(d) विश्व
19. ‘समसामयिक’ में प्रत्यय है –
(a) यिक
(b) आइक
(c) इक
(d) आयिक
(c) इक
प्रश्न 20 से 24 के लिए निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रदूषण गंदगी का दूसरा नाम है। गंदगी चाहे जल की हो, वायु कहीं हो, शोर-शराबे की हो या पारिवारिक एवं सामाजिक रिश्तों की हो। दैवीय गुणों के विकास के लिए आसुरी वृत्तियों के प्रतिरूप खर और प्रदूषण को त्रेता में भगवान राम ने मारा था, सप्तर्षियों ने डाकू रत्नाकार की हिंसा वृत्ति को मारकर महर्षि बाल्मीकि बनने का मार्ग प्रशस्त किया था। ये सब घटनाएं मनुष्य की चित्तवृत्ति से दूषण दूर करने की थी, तब भौतिक प्रदूषण नहीं के बराबर था। भगीरथ जो एक अच्छे अभियन्ता थे अपने पुरुषार्थ से गंगा को लोक-कल्याण के लिए भारत भूमि पर लाये थे। गंगा का जल रासायनिक दृष्टि से अमृत तुल्य है। उसमें कभी विकार नहीं होता, न वह सड़ता है बल्कि अपने औषधीय गुणों के कारण कई असाध्य रोगों के लिए रामबाण है। तभी तो कहा गया है – ” औषधं जाह्वनवी तोयं वैद्यो नारायणो हरिः” अर्थात जब सब दवाएं असफल हो जाये तो गंगाजल एकमात्र औषधि है और नारायण एकमात्र वैद्य हैं। जल ही जीवन है। प्रदूषण कई प्रकार का हो सकता है। उद्योग धंधों का कचड़ा, रासायनिक तत्व आदि नदियों में मिलने से जल प्रदूषण होता है। वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की गैसें अपनी आपसी क्रिया द्वारा संतुलित अवस्था में रहकर जीव जगत के लिए प्राण वायु ऑक्सीजन की निश्चित मात्रा सुनिश्चित करती हैं। वृक्षों के कटान, उद्योग धंधों के धुएं और कचड़े से ये संतुलन बिगड़ जाता है । वायुमंडल में ऑक्सीजन की निश्चित मात्रा कम हो जाती है तथा कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इससे वायु प्रदूषण होता है। अनेक प्रकार के वाहनों जैसे- मोटर कार, बस, जेट विमान, ट्रैक्टर, लाउडस्पीकर, बाजे, कारखानों के सायरन और मशीनों से होने वाली आवाजों से ध्वनि प्रदूषण होता है। ध्वनि की ये लहरें जीवधारियों की क्रियाओं को प्रभावित करती हैं। अधिक फसलोत्पादन के लिए कीटनाशक व रोगनाशक दवाइयों का प्रयोग स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता है।
20. खर और दूषण किसके प्रतिरूप कहे गये हैं –
(a) दूषण के
(b) कीटनाशक व रोगनाशक दवाइयों के
(c) आसुरी वृत्तियों के
(d) भगवान राम के
(c) आसुरी वृत्तियों के
21. सप्तर्षियों ने किसे मारकर महर्षि बाल्मीकि बनने का मार्ग प्रशस्त किया था-
(a) खर और दूषण को
(b) डाकू रत्नाकर की हिंसा वृत्ति को
(c) आसुरी वृत्तियों को
(d) अपने आत्मसम्मान को
(b) डाकू रत्नाकर की हिंसा वृत्ति को
22. जल प्रदूषण कैसे होता है –
(a) ऑक्सीजन की निश्चित मात्रा कम होने से
(b) कारखानों के सायरन और मशीनों से होने वाली आवाजों से
(c) गंगाजल से
(d) उद्योग धंधों का कचड़ा, रासायनिक तत्व आदि नदियों में मिलने से
(d) उद्योग धंधों का कचड़ा, रासायनिक तत्व आदि नदियों में मिलने से
23. गंगा के जल की कौन-सी विशेषता बताई गई है –
(a) अपने औषधीय गुणों के कारण कई असाध्य रोगों के लिए रामबाण है।
(b) गंगा का जल रासायनिक दृष्टि से प्रदूषण फैलाता है।
(c) गंगाजल एक असफल औषधि है।
(d) उद्योग धंधों का कचड़ा, रासायनिक तत्व आदि मिलने से गंगाजल मैला हो गया है।
(a) अपने औषधीय गुणों के कारण कई असाध्य रोगों के लिए रामबाण है।
24. वायु प्रदूषण कैसे होता है-
(a) वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की गैसों की अपनी आपसी क्रिया द्वारा
(b) कारखानों के सायरन और मशीनों से होने वाली आवाजों से
(c) वृक्षों के कटान, उद्योग धंधों के धुएं और कचड़े से
(d) अधिक फसलोत्पादन के लिए कीटनाशक व रोगनाशक दवाइयों के प्रयोग से
(c) वृक्षों के कटान, उद्योग धंधों के धुएं और कचड़े से